पेट का अल्सर यानि पेट में होने वाले छाले या फिर ऐसे घाव जो फफोले बनने के बाद हुए हों। इस तरह की समस्या अक्सर खान-पान में गलत बदलाव के कारण पैदा होती है जो कभी-कभी घातक भी साबित हो सकती है। सामान्यत: अल्सर, शरीर के अंदर छोटी आंत के शुरुआती स्थान पर या म्यूकल झिल्ली पर होने वाले छाले या घाव होते हैं। इस तरह का अल्सर पेप्टिक अल्सर या फिर गैस्ट्रिक अल्सर कहलाता है। इसका मुख्य कारण पेट में अम्ल का बढ़ना, धूम्रपान एवं नशीले पदार्थों का सेवन, अत्यधिक स्टीरॉयड्स का सेवन, अनुवांशिक कारण, अत्यधिक तनाव या खान-पान में गड़बड़ी का होना है। हेलिकोबैक्टर पाइलोरी नामक जीवाणु का संक्रमण भी पेट में अल्सर होने का एक प्रमुख कारण है।
लक्षण
1 कई लोगों को बार-बार डकार आने की समस्या होती है। यह पेट के अल्सर का एक लक्षण भी हो सकता है, इसलिए जरा संभलकर !
2 पेट में किसी प्रकार के जख्म या दर्द का एहसास होना एवं आंतों में जलन की शिकायत होना।
3 पेट में सूजन, सीने में जलन एवं गैस की समस्या होना।
4 पेट के ऊपरी भाग में दर्द एवं जलन होना एवं गर्म पेय पीने के बाद असहजता का अनुभव होना।
5 मल में खून आना या मल का रंग गहरा होना।
6 खांसी होने पर खून आना या खून की उल्टी होना।
7 वजन का कम होना और भूख न लगना।
कारण
- हेलिकोबेक्टर पाइलोरी (मुख्य कारण)।
- एनएसएआईडीएस (सूजन रोधी दवाएँ)।
- अनुवांशिकता
- धूम्रपान
- शराब का सेवन
- तनाव और मसालेदार भोजन से पेप्टिक अलसर नहीं होते, लेकिन दोनों में से कोई भी एक अलसर के लक्षणों को अधिक बिगाड़ सकता है।