ब्लड प्रेशर क्या होता है ? WHAT IS BLOOD PRESSURE ?
हमारी रक्त वाहिनियों (धमनियों तथा शिराओं) पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं. डॉक्टर इसे मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे स्फिग्नोमैनोमीटर कहते हैं. रबर के ब्लैडर को दबाने पर पट्टा बांह में कसता है और प्रेशर रिलीज करने पर जब डॉक्टर या जांच करनेवाले को आले में टिकटिक की आवाज़ सुनाई देती है तो पारे के गिरते लेवल से दो आँकड़े मिलते हैं. (Normal Blood pressure) आदर्श ब्लड प्रेशर 120/80 माना जाता है. इसमें पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है क्योंकि यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है. दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशरकहते हैं क्योंकि हृदय के तनाव-मुक्त रहने के समय के ब्लड प्रेशर की सूचना देता है. ब्लड प्रेशर को पारे के स्तंभ में मिलीमीटर में मापा जाता है. ब्लड प्रेशर के 140/90 से ज़्यादा होने पर उसे हाईपरटेंशन (Hypertension) की अवस्था मानते हैं. इसे ही हम ब्लड प्रेशर कहते हैं.
उच्च रक्तचाप के कारण
शरीर में रक्तचाप के कई कारक होते हैं जैसे शरीर में पानी एवं नमक की मात्रा, रक्त वाहिकाओं की तथा गुर्दे जैसे शरीर के मुख्य अंग की स्थिति, तंत्रिका तंत्र की स्थिति तथा किसी व्यक्ति के हॉर्मोन का स्तर।
किसी व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या है या नहीं ये पता चलता है निम्नलिखित लक्षणों से :-
1. अगर वह व्यक्ति मधुमेह एवं मोटापे जैसी समस्याओं का शिकार है।
2. अगर वह व्यक्ति किसी कारण से बहुत ज़्यादा तनाव में है।
3. जरूरत से ज्यादा ताकत की दवाई लेना तथा इंजेक्शन लगवाना I
4. जरूरत से ज्यादा नमक लेना और गरम मसालों का प्रयोग करना I
निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर (Low Blood Pressure)
लो ब्लडप्रेशर या निम्न रक्तचाप, ऑक्सीजन (oxygen) को दिमाग तक जाने से रोकता है। केवल ऑक्सीजन ही नही बल्कि अन्य पोषक तत्व भी दिमाग तक नहीं पहुंच पाते। ब्लडप्रेशर को स्वास्थ्य की भाषा में हाइपोटेंशन (hypotension) के नाम से जानते हैं। यूं तो लो ब्लडप्रेशर कोई बीमारी नहीं होती लेकिन यह शरीर में पनप रही अन्य गंभीर बीमारी का संकेत होती है। ऐसे में जब किसी के शरीर में रक्त-प्रवाह सामान्य से कम हो जाता है तो उसे निम्न रक्तचाप या लो ब्लड प्रेशर कहते है। नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। ऐसे में दिल, किडनी, फेफड़े और दिमाग आंशिक रूप से या पूरी तरह से काम करना भी बंद कर सकते हैं।
निम्न रक्तचाप या लो ब्लडप्रेशर के लक्षण
- आंखों के आगे अंधेरा छाना
- उल्टी और डायरिया
- गर्दन का अकड़ जाना
- चक्कर आना
- छाती में दर्द, सांस फूलना
- हाथों और पैरों का ठंडा होना
- घबराहट का होना
ब्लड प्रेशर कम होने के कारण (causes of low blood pressure)
1. दिल की बीमारी (heart disease)- ब्लडप्रेशर कम होना दिल की गंभीर बीमारी से जुड़ा होता है, दिल की बीमारी से हार्ट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे हार्ट पर्याप्त खून को पम्प नहीं कर पाता और हमारा बीपी लो रहने लगता है। दिल के मरीजों और एनीमिया के रोगी लो बीपी को लेकर सावधान रहें।
2. आर्थोस्टेटिक हाइपरटेंशन टाइप (arthostetic hypertension type)- इसमें मरीज को खड़े होने पर चक्कर आते हैं, क्योंकि उसका ब्लड प्रेशर एकदम से 20 पॉइंट नीचे आ जाता है। यह नर्वस सिस्टम पर आधारित होता है। लेकिन कई बार दवाओं के साइड इफेक्ट से या एलर्जी से भी हो सकती है।
3. खून की कमी तथा अन्य का (less blood and other reason)- शरीर के अंदरूनी अंगों से खून बह जाने या खून की कमी से, खाने में पौष्टिकता की कमी या अनियमितता से, फेफड़ों के अटैक से, हार्ट का वॉल्व खराब हो जाने से, लो बीपी हो सकता है। अचानक सदमा लगने, कोई भयावह दृश्य देखने या खबर सुनने से भी लो बीपी हो सकता है।
इसके अलावा (other reason & causes of low blood pressure)
- गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन जैसे कि थायरॉइड की सक्रियता कम हो जाना
- ब्लड शुगर दवाओं के प्रभाव से
- स्ट्रोक तथा लीवर संबंधी बीमारियां
- कुछ आवश्यक विटामिन जैसे बी12 और आयरन की कमी