Piles – बवासीर

बवासीर को मेडिकल में piles या hemorrhoids कहा जाता है। यह बीमारी ज्यादातर 45 से 65 के बीच की उम्र के लोगों को होती हैं।

बवासीर के लक्षण

बवासीर के कुछ सामान्य लक्षण निम्न हैं –गुदा के आसपास मस्से या गांठ होना, मल त्यागते समय ब्लड आना, गुदा के आसपास खुजली होना, मस्सों में से लगातार खून निकलना और बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।

यदि लम्बे समय तक बवासीर को नजरंदाज किया जाये और इसका सही उपचार न किया जाये तो इसके कारण कुछ सीरियस समस्याएं , जैसे खून की कमी (एनीमिया) और टिश्यू डेथ (ऊतकों का मरना) हो सकती हैं। इसके कारण गुदा, मलाशय और पेट के कैंसर होने की सम्भावना भी बढ़ सकती है।

बवासीर होने पर बिना किसी संकोच के डॉक्टर को पूरी जानकारी दें और इसका उचित इलाज करायें।

बवासीर के कारण

बवासीर तब होती है जब गुदा और मलाशय की नसों में किसी कारण बस सूजन और इन्फ्लामेशन होने लगता है। इसके सबसे मुख्य कारण हैं लम्बे समय से कब्ज होना मोटापा  फूड एलर्जी, आलस्य या शारीरिक गतिविधि कम करना, गर्भावस्था (प्रेगनेंसी), अधिक समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना, भोजन में फाइबर की कमी,रात को अधिक देर तक जागना  धूम्रपान और शराब का सेवन, शरीर में पानी की कमी, डिप्रेशन , फैमिली हिस्ट्री और अत्यधिक तले-भुने खाने का सेवन।

बवासीर में मरीज के गुदा द्वार में मस्से हो जाते हैं जिनमे निरंतर खून बहने और अत्यधिक दर्द होने कारन मरीज काफी कमजोर और दुखी हो जाता है। बवासीर के 2 प्रकार होते हैं – पहला बाहर की बवासीर (external hemorrhoid) और अन्दर की बवासीर (internal hemorrhoid).

बाहर की बवासीर में patient के गुदा द्वार के आसपास मस्से होते हैं जिनमे दर्द तो नहीं होता लेकिन खुजली होती है। उन मस्सों को अधिक खुजलाने की वजह से उनमें से खून भी आने लगता है।

अन्दर की बवासीर में गुदा के अन्दर मस्से होते हैं और मल करते समय जोर लगाने पर रोगी को बेहद तेज दर्द होता है और खून भी बाहर आने लगता है।

 

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