धात गिरने को ही घातु रोग कहते है, धातु रोग का अर्थ होता है के व्यक्ति के वीर्य का मूत्र के साथ निकल जाना, इसे ही धात रोग कहते है! धातु के गिरने को शुक्र-मेह ( Dhatu girne ko Shukrameh bhi kahte hai) भी कहा जाता है!
धात रोग का प्रमुख कारण क्या है? ( Causes of Discharge Weakness )
- अधिक कामुक और अश्लील विचार रखना!
- किसी बीमारी के चलते अधिक दवाई लेने पर
- व्यक्ति का शरीर कमजोर होना और उसकी प्रतिरोधक श्रमता की कमी होना!
- पौरुष द्रव का पतला होना
- यौन अंगो के नसों में कमजोरी आना
- अपने पौरुष पदार्थ को व्यर्थ में निकालना व नष्ट करना (हस्तमैथुन अधिक करना)
धात रोग के लक्षण क्या है? ( Symptoms of Discharge Weakness ) :
मल मूत्र त्याग में दबाव की इच्छा महसूस होना! धात रोग का इशारा करती है!
- लिंग के मुख से लार का टपकना!
- पौरुष वीर्य का पानी जैसा पतला होना!
- शरीर में कमजोरी आना!
- छोटी सी बात पर तनाव में आ जाना!
- हाथ पैर या शरीर के अन्य हिस्सों में कंपन या कपकपी होना!
- पेट रोग से परेशान रहना या साफ़ न होना, कब्ज होना!
- शरीर की पिंडलियों में दर्द होना!
- कम या अधिक चक्कर आना!
- शरीर में हर समय थकान महसूस करना!
- चुस्ती फुर्ती का खत्म होना!
- मन का अप्रसन्न रहना और किसी भी काम में मन ना लगना इसके लक्षणों को दर्शाता है!
- दिमागी कमजोरी होना!